झालावाड़ हादसा: सरकारी स्कूलों की बदहाली का काला सच और सुधार की राह लेखक: हरिशंकर पाराशर* **झालावाड़, राजस्थान**: 26 जुलाई 2025 को राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में एक सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की छत गिरने की दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हादसे में सात मासूम बच्चों की जान चली गई और 28 अन्य घायल हो गए। यह त्रासदी केवल एक हादसा नहीं, बल्कि भारत में सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही का ज्वलंत उदाहरण है। यह लेख झालावाड़ हादसे के संदर्भ में सरकारी स्कूलों की स्थिति, इसके कारणों और सुधार के लिए आवश्यक कदमों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। ### ** हादसे का दर्दनाक विवरण और तात्कालिक प्रभाव * झालावाड़ के मनोहरथाना ब्लॉक में स्थित यह स्कूल 78 साल पुराना था और इसकी इमारत लंबे समय से जर्जर हालत में थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि छत से मलबा और कंकड़ गिरने की शिकायतें बार-बार की गई थीं, लेकिन न तो शिक्षकों ने इसे गंभीरता से लिया और न ही प्रशासन ने कार्रवाई की। हादसे के दिन, प्रार्थना सभा के दौरान अचानक छत ढह गई, जिसके मलबे में कई बच्चे दब गए। प्रत्यक...